हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे Things To Know Before You Buy

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● गर्भवती महिलाओं को अधिक हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए । हल्दी गर्म होती है इसके लिए उन्हें हल्दी का सेवन करना उचित नहीं । बाह्य उपचार के लिए हल्दी ठीक है। लेकिन अंतर्गत अधिक मात्रा में हल्दी पीने से गर्भपात होने का खतरा भी हो सकता है ।

• हल्दी का पानी पीने से ट्यूमर, कैंसर के खतरे को रोक सकते हैं । कोलेस्ट्रोल के लेवल को भी कम कर सकते हैं । हल्दी का पानी शरीर में फैट जमने से रोकता है । वजन कम करने में मददगार साबित होता है हल्दी का पानी ।

● अगर आपकी किमोथेरेपी चालू है । तो हल्दी का उपयोग से बचना चाहिए ।

अगर आपको छोटी मोटी चोट लग गई है तो उस जगह पर तुरंत हल्दी लगा ले। इससे चोट पर बहने वाला खून रुक जाता है और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है। हल्दी में घाव को जल्दी भरने के गुण होते है। यह चोट की जलन और दर्द को भी कम करने में मददगार है।

मुँह के छालों का होना पाचन क्रिया के खराब होने के कारण होता है। हल्दी में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचकाग्नि को ठीक कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करती है, जिससे मुँह के छालों में आराम मिलता है साथ हि इसमें रोपण (हीलिंग) का भी गुण पाया जाता है जो की मुँह के छालों को जल्द भरने में सहायक होती है।

लीवर, शरीर का रासायनिक केंद्र होने के कारण शरीर में प्रवेश करने वाले रासायनिक पदार्थों के प्रोसेसिंग में लगातार काम करता है। इसमें पर्यावरण प्रदूषण, संसाधित खाद्य पदार्थों में रासायनिक योजक और अन्य बीमारी की स्थिति के लिए ली गई दवाओं शामिल होती हैं।

• किडनी स्टोन के रोगियों को हल्दी का सेवन बहुत कम करना चाहिए क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।

जी हां, आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि शहद के साथ हींग का सेवन सेहत के लिए कैसे उपयोगी साबित हो सकता है. पढ़ते हैं आगे…

हल्दी के फायदे त्वचा के लिए । termeric Gains for pores and skin –

खाली पेट शहद के साथ लें ये मसाला, वजन घटाने समेत हो सकते हैं कई फायदे

ऑटोइम्यून रोग हमारे इम्यून सिस्टम के दोषपूर्ण काम करने के कारण होते हैं। कुछ अस्पष्टीकृत कारणों की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे अपने टिश्यू और अंगों के विरुद्ध होती है, और इसके परिणामस्वरूप रुमेटीयड गठिया, ल्यूपस, स्क्लेरोडार्मा, छालरोग आदि जैसे ऑटोइम्यून की स्थिति होती है। चिकित्सा में इन रोगों का उपचार लक्षणों को दबाने तक ही सीमित है क्योंकि इनके कारणों की पहचान नहीं की जा सकती।

यदि आप चाहते हैं, तो आप इसमें शहद की आधी चम्मच भी मिला सकते हैं।

एक चम्मच हल्दी को एक ग्लास गर्म दूध में मिलाकर इसमें थोड़ी पिसी काली मिर्च मिलाकर सुबह-शाम रोगी को पिलाएं।

दाल से आपके शरीर को प्रोटीन और फाइबर  मिलेगा जबकि ब्राउन राइस साबुत अनाज की श्रेणी में आता है और इसका फाइबर आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का here स्तर कम रखेगा और आपके दिल को स्वस्थ रखेगा.

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